भगवान एक खोज है दुनियां में हर कोई अपने भगवान को किसी न किसी रूप में मानता है । कोई कृष्णा को कोई राम को तो कोई रहीम को । भगवान को मानते तो सभी है पर हमेशा ही अपने भगवान को खोजते रहते है सोचते रहते है की भगवान है की नहीं है अगर भगवान है तो कहा है । इस तरह सोच हमेशा चलती रहती है परन्तु कोई भगवान के मामले में कोई भी पूर्ण नहीं है । इसलिए मैंने इस ब्लॉग की सुरुवात की कि चलो ब्लॉग के जरिये ही भगवान की खोज की जाये । कोई कहता है कि भगवान हर जगह है कण कण में है भगवान तो कोई कहता है की रब हर दिल में बसता है और कोई कहता है की इस पत्थर में भी है भगवान । असल में मुझे तो लगता है हमारी सोच ही है भगवान और भगवान के साथ साथ सैतान का निवास भी सोच में ही रहता है । कोई संत जब उपदेश देता है तो उसकी सोच में भगवान की झलक दिखती है लेकिन अगर दिल्ली जैसे बड़े सहर में कोई ५ साल की बच्ची के साथ बलात्कार करता है तो वो सैतान की सोच है । हर कोई दुसरे के सैतान से नफरत करता करता है और उसे नस्ट कर देने में ही लोगों की भलाई होती है । यदि सब लोग अपने अंदर के सैतान पर काबू पा ले तो हर जगह भगवान का ही निवास रहेगा । शराब स...