बहुत शुरुआत में ईश्वर था.
और वह अकेला था. वहाँ कोई मनुष्य नहीं tha, कोई जानवर नहीं , कोई पेड़ नहीं, कोई फूल नहीं, कोई भूमि नहीं, और कोई आकाश भी नहीं था
बस भगवान.
भगवान ने सब कुछ बनाया. आकाश बनाया , भूमि बनाया है.
पहले बगीचा लगाया.एक दिन में सूरज चमक बनाया है.
रात में चाँद और सितारों बनाया
वह जानवरों की जमीन पर चलाना सुरु किया .
मछलियों को समुद्र में तैरना बताया .
पक्षियों हवा में उड़ना बताया .
पररमेश्वर ने कहा: "मैं एक अच्छा दुनिया बना दिया है. अब मैं इसे किसी के साथ साझा करना चाहते हैं. "
तो भगवान ने लोगों को बनाया.
और वह अकेला था. वहाँ कोई मनुष्य नहीं tha, कोई जानवर नहीं , कोई पेड़ नहीं, कोई फूल नहीं, कोई भूमि नहीं, और कोई आकाश भी नहीं था
बस भगवान.
भगवान ने सब कुछ बनाया. आकाश बनाया , भूमि बनाया है.
पहले बगीचा लगाया.एक दिन में सूरज चमक बनाया है.
रात में चाँद और सितारों बनाया
वह जानवरों की जमीन पर चलाना सुरु किया .
मछलियों को समुद्र में तैरना बताया .
पक्षियों हवा में उड़ना बताया .
पररमेश्वर ने कहा: "मैं एक अच्छा दुनिया बना दिया है. अब मैं इसे किसी के साथ साझा करना चाहते हैं. "
तो भगवान ने लोगों को बनाया.