Skip to main content

sloke,mantra and meaning

1.

जन्मलग्न गुरुश्चैव रामचन्द्रो वने गत:|तृतीये बलिः पाताले चतुर्थे हरिचन्द्र:||
ख्स्ठे द्रोपदी हरम च रावन अस्तमे|दशमे दुर्योधनं हन्ति द्वाद्सो पांडु वनागातम ||

लग्न मे गुरु से राम वनवास गए ,तृतीय से बलि पाताल गए .,चतुर्थ से हरिश्चंद्र के सत्य की परीक्षा हुई छठे से द्रोपदी का हरण हुआ आठवे से रावन का नाश ,दसवे से दुर्योधन ,बारहवे से पंडू की मृत्यु ,द्वितीय से भीष्म को राज्य से वंचित .,पंचम से दसरथ को पुत्र वियोग ,सप्तम से आज को पत्नी वियोग ,नवं से विस्वमित्र अब्छ्य भछन किया लाभ भाव का गुरु नल को राजजी संकट वनवास ,पत्नी वियोग आदि अशुभ फल मिला



2.

यः कश्चिदात्मानमद्वितीयं जातिगुणक्रियाहीनं षडूर्मीषडभावेत्यादिसर्वदोषरहितं सत्यज्ञानानन्दानन्तस्वरूपं स्वयं निर्विकल्पमशेषकल्पाधारमशेषभूतान्तर्यामित्वेन वर्तमानमन्तर्बहीश्चाकाशवदनुस्यूतमखंडानन्द स्वभावमप्रमेयमनुभवैकवेद्यमापरोक्षतया भासमानं करतलामलकवत्साक्षादपरोक्षीकृत्यकृतार्थतया कामरागादिदोषरहितः शमदमादिसम्पन्नोभावमात्सर्यतृष्णाशामोहादिरहितोदंभाहंकारादिभिरसंस्पृष्टचेता वर्तत एवमुक्तलक्षणो यःस एव ब्राह्मण इति श्रुतिस्मृतिपुराणेतिहासानामभिप्रायः ! अन्यथा हि ब्राह्मणत्वसिद्धिर्नासत्येव ! सच्चिदानंदमात्मानमद्वितीयं ब्रह्म भावयेदात्मानं सच्चिदानंद ब्रह्म भावयेदि त्युपनिषत !!९!!

जो आत्मा के द्वैत भाव से युक्त ना हो; जाति गुण और क्रिया से भी युक्त ण हो; षडउर्मियों और षड भावों आदि समस्त दोषों से मुक्त हो; सत्य, ज्ञान, आनंद स्वरुप, स्वयं निर्विकल्प स्थिति में रहने वाला, अशेष कल्पों का आधार रूप , समस्त प्राणियों के अंतस में निवास करने वाला , अन्दर-बाहर आकाशवत संव्याप्त ; अखंड आनंद्वान , अप्रमेय, अनुभवगम्य , अप्रत्येक्ष भासित होने वाले आत्मा का करतल आमलकवत परोक्ष का भीसाक्षात्कार करने वाला; काम-रागद्वेष आदि दोषों से रहित होकर कृतार्थ हो जानेवाला ; शम-दम आदि से संपन्न ; मात्सर्य , तृष्णा , आशा,मोह आदि भावों से रहित; दंभ,अहंकार आदि दोषों से चित्त को सर्वथा अलग रखने वाला हो, वही ब्राह्मण है; ऐसा श्रुति, स्मृति-पूरण और इतिहास का अभिप्राय है !इस (अभिप्राय) के अतिरिक्त एनी किसी भी प्रकार से ब्राह्मणत्व सिद्ध नहीं हो सकता ! आत्मा सत-चित और आनंद स्वरुप तथा अद्वितीय है ! इस प्रकार ब्रह्मभाव से संपन्न मनुष्यों को ही ब्राह्मण माना जा सकता है ! यही उपनिषद का मत है !

Popular posts from this blog

What is your Rashi by Name,Start and birth date ,month

You can check your Rashi by name. If your name start with Ri,Ra,Ru,Ro,Ta,Ti,Tu,Te etc then your rashi is tula same as you can calculate your Rashi. Rashi by start and date is as below.

Please See eye of Ganeshji

Ganpat Bappa  Moriya Jai ho

Hast rekha places and names in Hindi