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Importance of Til in your body

Some points to take care about Muhurt

How to know Samvat

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव संवत प्रारंभ होता है इस वर्ष 2071 विक्रमीय संवत का नाम ''प्लवंग'' संवत्सर है , यह 60 संवत्सरों में विष्णु आदि बीसी के नवें युग में जिसका स्वामी चन्द्र है का शोभन 41 वां प्लवंग नामक संवत्सर है । यह गुरोदय मान से पौष वर्ष है , गुरोदय मान से चान्द्र वर्षादि में विक्रम संवत 2071 के आदि में प्लवंग नामक संवत्सर प्रवर्तित एवं प्रचलित है, इसीलिये सभी ज्योतिर्विद प्लवंग नाम संवत्सर का उल्लेख कर रहे हैं, मेषार्क काल यानि सौर वर्षादि में प्लवंग संवत्सर के भुक्त सौर मासादि 1-2041- 50 एवं भोग्य सौर मासादि 2-9-18'-10'' हैं , तदनुसार आषाढ़ कृष्ण द्वादशी मंगलवार को काशी में स्पष्टकोद्यात इष्ट घट्या‍दि 58-20 पर तथैव 24 जून 2014 को भारतीय प्रमाण‍िक समयानुसार 28 बजकर 57 मिनिट पर ( प्रात: 4 बजकर 57 मिनिट पर) दृक्पक्षीय मध्यम गुरू के मिथुन राश‍ि वशात् ''कीलक '' नाम संवत्सर प्रारंभ होगा , चूंकि यह विशिष्ट ज्योतिषीय नियम एवं प्रावधान है कि जिस प्रकार उदय कालीन तिथ‍ियों को कतिपय विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं एवं कतिपय व्रत उपवास त्यौहारों ...

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Advantages of shankh

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