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Aatmgyan quotes bhavarth by Acharya Divya Sri

बड़े बड़े लच्छेदार भाषण करना आगया तो क्या उसे आत्म-ज्ञान हो जाएगा ? धारा-प्रवाह प्रवचन देना आजाए तो क्या यह समझ लेना चाहिए की इनको आत्मज्ञान होगया? अरे साहब बड़ा नाम है इनका, क्या बोलते है वाह! क्या ज्ञान है! इनको , अरे जनता पागल हो जाती है इनके पीछे जब यह बोलते है,, ऐसी बोलने की कला बड़ी मेहनत से सीखी होगी इनहोने, इन पर तो भगवान की कृपा है तभी ऐसा प्रभाव सामने वाले पर पड़ता है की वो अंदर से हिल जाता है ..... मगर यह एक कला तो हो सकती है ये योग्यता तो हो सकती है ये मेहनत तो हो सकती है मगर यह आत्म-ज्ञान का पैमाना नहीं है। अब आइये बड़े बड़े मेधावान की बात करते है तर्क-वितर्क, ज्ञान-विज्ञान, हाजिर जबाबी ये सब तो आजाएगा मगर ये सोचा जाये की भई बड़ा बुद्धिमान है ये आत्म तत्व को तो जानता ही होगा ..... तो यह भी पैमाना गलत होगा । जिसने बहुत बहुत शास्त्र सुने है दसियों वर्ष हो गए तो भी आत्म ज्ञान प्राप्त हो यह जरूरी नहीं है आत्म-ज्ञान तो उसे प्राप्त होगा जिस पर प्रभु की कृपा होगी जिसे वो देना चाहेगा उसे मिलेगा यही अकाट्य सत्य है हम अपनी योग्यता के गर्व से भौतिक ऊंचाई तो प्राप्त कर सकते है मगर हम खुद क्य

Viswas quotes by Acharya Divya Sri

विश्वास हमारे जीवन का एक ऐसा धरातल है जिसके आधार पर हम कर्म करते है कर्म करने पूर्व यदि विश्वास का अभाव होगा तो कर्म की पूर्णता मे संदेह उपस्थित होगा हम एक समय में अपने हृदय में एक ही चीज़ को रख सकते हैं या तो संदेह को या विश्वास को मनुष्य विश्वास रखकर ही आगे आ सकता है हम उन पर भी विश्वास करते हैं जिन्हें हमने आँखों से नहीं देखा है रखना पड़ता है हमारे अंदर एक विश्वास को मापने का पैमाना वो हमे इसके लिए विश्वस्त करता है निरंतर अभ्यास एवं पूर्ण विश्वास अपने लक्ष्य की प्राप्ति करता है इतना विश्वास रखो की यदि ईश्वर एक खिड़की बंद करेगा तो कोई न कोई द्वार अवश्य खोलेगा विश्वासी व्यक्ति चमत्कार देखता है विश्वास करामातों की करामात है इसके के लिए रचनात्मक कार्य , दृढ़विश्वास एवं ईश्वरप्रेम इन तीनों की आवश्यकता होती है विश्वासी की सदैव जीत होती है

Who can be your Friend

1. जो दूसरों के ऐब छुपाने वाला है ¡ 1.अहसान करके भूल जाने वाला हो¡ 3.अक्ल व हिक्मत की बातें सिखाने वाला हो ¡ 4.जो निस्वार्थ हो और सिर्फ भगवान के लिए दोस्ती रखता हो ¡ 5.जो कभी झुठ न बोलता हो और जो मां-बाप का आग्यांकारी हो ¡ ऐसे मित्र से हि मित्रता करना चाहिए ¡

Ten main parts of Sanatan Dharm

सनातन धर्म के ये दस अंग है जिनके विना धर्म अपूर्ण है... धृतिः क्षमा दमोऽस्तेयं शौचमिन्द्रियनिग्रहः । धीर्विद्या सत्यमक्रोधो , दशकं धर्म लक्षणम् ॥ ( मनु स्मृ्ति) 1. धृति = धैर्य , 2. क्षमा = दूसरों के द्वारा किये गये अपराध को माफ कर देना, क्षमाशील होना , 3. दम = अपनी वासनाओं पर नियन्त्रण करना , 4. अस्तेय = चोरी न करना, 5. पवित्रता = अन्दर बाहर की पवित्रता, 6. इन्द्रिय निग्रहः = इन्द्रियों को वश मे रखना, 7. धी = बुद्धिमत्ता का प्रयोग , 8. विद्या = अधिक से अधिक ज्ञान की पिपासा , 9.सत्य = मन वचन कर्म से सत्य का पालन 10अक्रोध = क्रोध न करना; ये दस धर्म के लक्षण हैं ।

When you will get Married

Piece Song

Ninda

Age of Yug and Prithvi

Planets Positions

Position of Money with Sani,Rahu,Ketu and mangal

shri yantra

Love is a Power of soul

Write time to drink Water

Bhakut Dosh

Story of the Great King Maharana Pratap

Who are you?

Who are you in below points?

Important and useful quotes of Sanatan Dharm for our Life

Know you job status from Kundali

Importance of Til in your body

Some points to take care about Muhurt

How to know Samvat

चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को नव संवत प्रारंभ होता है इस वर्ष 2071 विक्रमीय संवत का नाम ''प्लवंग'' संवत्सर है , यह 60 संवत्सरों में विष्णु आदि बीसी के नवें युग में जिसका स्वामी चन्द्र है का शोभन 41 वां प्लवंग नामक संवत्सर है । यह गुरोदय मान से पौष वर्ष है , गुरोदय मान से चान्द्र वर्षादि में विक्रम संवत 2071 के आदि में प्लवंग नामक संवत्सर प्रवर्तित एवं प्रचलित है, इसीलिये सभी ज्योतिर्विद प्लवंग नाम संवत्सर का उल्लेख कर रहे हैं, मेषार्क काल यानि सौर वर्षादि में प्लवंग संवत्सर के भुक्त सौर मासादि 1-2041- 50 एवं भोग्य सौर मासादि 2-9-18'-10'' हैं , तदनुसार आषाढ़ कृष्ण द्वादशी मंगलवार को काशी में स्पष्टकोद्यात इष्ट घट्या‍दि 58-20 पर तथैव 24 जून 2014 को भारतीय प्रमाण‍िक समयानुसार 28 बजकर 57 मिनिट पर ( प्रात: 4 बजकर 57 मिनिट पर) दृक्पक्षीय मध्यम गुरू के मिथुन राश‍ि वशात् ''कीलक '' नाम संवत्सर प्रारंभ होगा , चूंकि यह विशिष्ट ज्योतिषीय नियम एवं प्रावधान है कि जिस प्रकार उदय कालीन तिथ‍ियों को कतिपय विभिन्न ज्योतिषीय गणनाओं एवं कतिपय व्रत उपवास त्यौहारों

Angon Ke Phadakne ka mahatva

Gajkesari Yog

Advantages of shankh

You can read following to get Advantages of shankh. Shank is energy generator .

Shiva tandav stotra,Shiva Stuti

Aarti Sangrah -Devi Ma

Aarti Ma Lakshmi Ji Ki Aarti Lakshmi Mata ki Aarti Ma Sarasvati Ki Aarti Ma Santoshi Ji Ki

Aarti Jai Ambe Gauri Ki

Aarti Shree Satyanarayanji Ki

Aarti Shree JagdishJi ki

Shree Shiv Shankarji ki Aarti

Shri Shivji ki Aarti-Om Jai Shiva Omkara

Shree Ganesh Aarti

Aarti Shri Ramayanji Ki